जयपुर: राजधानी की गलियों में फैलता नशे का साम्राज्य, जहां कानून की मौजूदगी भी मजाक बनकर रह गई है। स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटरों के स्टूडेंट्स खुलेआम गांजा, स्मैक, एमडी ड्रग और प्रतिबंधित सिगरेट खरीद रहे हैं।
वहीं, 12 से 14 साल के मासूम बच्चों से नशे की पुड़िया डिलीवर करवाई जा रही है। दुकानदारों के पास कोड वर्ड में सौदे हो रहे हैं। पान की दुकानों पर प्रतिबंधित सिगरेट बेची जा रही है। संकरी गलियों में महिलाएं गैंग चलाकर स्मैक सप्लाई कर रही हैं। सबसे खतरनाक सच यह सामने आया कि यह पूरा नेटवर्क पुलिस चौकियों और थानों के ठीक सामने फल-फूल रहा है, लेकिन वे आंखें बंद कर बैठे हैं।
पहला मामला : खानिया बंधा चूलगिरी (संकरी गलियों में ठिकाने, महिलाएं चला रही गैंग)
यहां एक घर में स्मैक और गांजा उपलब्ध करवाने की सूचना पर टीम मौके पर पहुंची। संकरी गलियों में स्मैक उपलब्ध करवाने वाले के घर तक पहुंचे, लेकिन गलियों से होकर जाने पर लोगों की घूरती नजरें डराने जैसी थी। यहां हर कोई नहीं पहुंच सकता। घर में मौजूद दो महिलाओं ने पैकेट मांगने पर मना कर दिया। तब टीम गली के नुक्कड़ पर छिपकर खड़ी हो गई। तभी दो युवक इस घर में पहुंचे और स्मैक की छोटी पुड़िया लेकर आए। युवकों को टीम ने रोका तो वे संकरी गली से होते हुए भाग गए। दो मिनट बाद ही एक अन्य युवक पहुंचा। महिला ने स्मैक का पैकेट युवक को दे दिया। गली के नुक्कड़ पर खड़ी टीम ने युवक को पकड़ लिया। युवक ने दोनों महिलाओं से 300 रुपए में स्मैक का पैकेट लाना बताया।
युवक से पैकेट लेकर उसे 300 रुपए दिए और उससे एक पैकेट और मंगवाया। युवक महिलाओं से स्मैक का एक और पैकेट ले आया। तब टीम युवक को साथ लेकर दोनों महिलाओं के पास पहुंची। पैकेट मांगने पर एक महिला लेने चली गई, जबकि दूसरी ने मना कर दिया।
छानबीन करने पर स्थानीय लोगों ने बताया कि रोज सुबह जल्दी और शाम 4 से रात 10 बजे तक तीन से चार नशेड़ी यहां से स्मैक व गांजा के पैकेट लेकर जाते हैं। कई बार शिकायत की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती।
दूसरा मामला : गोपालपुरा बायपास पर त्रिवेणी नगर पुलिया के नीचे
पुलिया के नीचे नशेड़ियों का जमघट, फिल्मी स्टाइल जैसा दिखा नजारा
रिपोर्टर ने आसपास के लोगों से पूछा कि पुड़िया कहां मिलेगी, तो उन्होंने पुलिया के नीचे बालू भरी गाड़ियों के पीछे जाने को कहा। वहां दृश्य चौंकाने वाला था…30-40 लोग नशे में धुत जुआ खेल रहे थे। यह पूरा माहौल किसी फिल्मी अड्डे जैसा था। चारों ओर नशे में लोग, खुलेआम जुआ और किसी का डर नहीं।

रिपोर्टर ने उनमें से एक से पुड़िया के लिए पूछा तो जवाब मिला…पीछे जाओ वहां मिल जाएगी। पीछे लेडी डॉन की तरह एक महिला कुर्सी पर बैठी नजर आई। उसके हाथों में नोटों की मोटी गड्डियां थीं, बगल में एक लाठी और पास में 12-14 साल का एक बच्चा खड़ा था। रिपोर्टर ने कहा…एक पुड़िया चाहिए। महिला ने तुरंत कहा…200 रुपए।
रिपोर्टर ने पैसे दिए तो महिला ने बच्चे को कहा…जाकर एक पुड़िया दे आ। बच्चा पास के कचरे के ढेर की ओर गया, वहां से एक छोटी पुड़िया उठा लाया और रिपोर्टर को पकड़ा दी। फिर रिपोर्टर ने एमडी ड्रग के लिए पूछा तो लेडी डॉन ने कहा कि कल सुबह 9 बजे आ जाना।